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वायनाड में एनी राजा की उम्मीदवारी के बाद राहुल गांधी सुरक्षित सीट की तलाश में

THN Network

क्या केरल में कांग्रेस और Left आमने-सामने होंगे?




RAJEEV RANJAN NAG

NEW DELHI/THIRUVANANTHAPURAM : केरल में INDIA गठबंधन की सहयोगी CPI द्वारा एनी राजा को वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राहुल गांधी के लिए धर्मसंकट की स्थिति पैदा हो गई है। एनी CPI सचिव डी. राजा की पत्नी हैं।
 INDIA ब्लॉक का मुख्य सदस्य होने के बावजूद, CPI की घोषणा कांग्रेस के लिए एक झटका सरीखा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसी सीट से MP हैं और वह फिर से वापसी की तैयारी कर रहे हैं। एनी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेस ने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है।
CPI की उम्मीदवार कॉमरेड एनी राजा 'महिला आंदोलन' में अहम भूमिका निभाने के लिए जानी जाती हैं। अब वह पूरे LDF की ओर से उम्मीदवार होंगी। साल पिछले (2019) का लोकसभा चुनाव कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपी की अमेठी और केरल की वायनाड सीट से लड़ा था। राहुल गांधी अमेठी से मौजूदा केंद्रीय मंत्री और BJP की नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे, लेकिन वायनाड से CPI उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4 लाख के ज्यादा के वोट के अंतर से हराया था। इस बार का आम चुनाव पिछले चुनाव से इस कारण अलग है क्योंकि CPI और कांग्रेस BJP के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का हिस्सा है। दोनों ही दलों में केरल में सीट शेयरिंग को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है।
CPI द्वारा वायनाड के लिए पार्टी की महिला नेता एनी राजा को उम्मीदवार घोषित करने के बाद, CPI (M) नेता बृंदा करात ने कहा कि वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी और उनकी पार्टी को वायनाड सीट के बारे में सोचना चाहिए। बृंदा करात ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को सोचने की जरूरत है।" वह कहती हैं-उनकी लड़ाई BJP के खिलाफ है। कारात ने कहा, "केरल में, अगर आप वामपंथियों के खिलाफ लड़ते हैं,तो आप क्या संदेश दे रहे हैं? इसलिए उन्हें अपनी सीट के बारे में एकबार फिर से सोचने की जरूरत है।"
CPI ने केरल की चार लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें पार्टी की नेता एनी राजा को वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामित किया है। वर्तमान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं।
एनी राजा ने कहा, ''LDF गठबंधन के नेतृत्व में CPI लंबे समय से चार सीटों वायनाड, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर और मवेलीक्कारा से चुनाव लड़रही है। इस समय भी पार्टी ने इन चार सीटों पर उम्मीदवारों को घोषणा की।'' उनसे आगे सवाल किया गया कि कांग्रेस राहुल गांधी को वायनाड से फिर से टिकट देती है तो क्या होगा? इसको लेकर एनी राजा ने कहा, ''साल 2019 में भी हमने राहुल गांधी के खिलाफ उम्मीदवार उतारा था। वायनाड सीट से हम लंबे समय से चुनाव लड़ रहे हैं।'' इससे पहले 2019 में CPI ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हम काफी लंबे समय से वहां से चुनाव लड़ रहे हैं।” राज्यसभा सांसद और CPI(M) सचिव बिनॉय विश्वम ने राहुल गांधी के केरल से चुनाव लड़ने के राजनीतिक तर्क पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा -"उत्तर भारत को भारत का गढ़ माना जाता है, जहां से सबसे अधिक संख्या में सांसद संसद में आते हैं। वहां BJP एक शक्तिशाली ताकत है। उस वास्तविकता को भूलकर, राहुल को दक्षिण भारत में आने का राजनीतिक तर्क क्या है ? ये तो सबको पता है कि केरल से BJP का कोई नहीं जीत पाएगा। विश्वम ने कहा कि राहुल गांधी BJP से डरते थे इसलिए वह केरल भाग गए। इस असर यह हुआ कि पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस की हार हुई.. ।"
CPI ने पन्नियन रवींद्रन को तिरुवनंतपुरम से, वीएस सुनील कुमार को त्रिशूर से और अरुण कुमार को मवेलिकारा से चुनाव में उतारा है। CPI INDIA ब्लॉक का हिस्सा है, जो NDA के नेतृत्व कर रहे नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए अस्तित्व में आया है।  
CPI (M) पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने सवाल उठाया कि वायनाड में इस तरह मुकाबला ऐसे समय में होगा जब सभी विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP विरोधी अभियान पर काम कर रहे हैं। यह कांग्रेस को तय करना है। आपने जो सीट चुनी है, वहां से CPI उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस को यह तय करने की ज़रूरत है कि ऐसा करके वे क्या संदेश देना चाहते हैं।
उधर ,कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गेंद को वामपंथियों की ओर उछालते हुए पूछा कि मेरे अपने निर्वाचन क्षेत्र में, BJP पिछले दो चुनावों में दूसरे स्थान पर रही थी। फिर भी BJP विरोधी वोटों का एक बड़ा हिस्सा तीसरे स्थान पर रहने वाले कम्युनिस्ट उम्मीदवार द्वारा ले लिया जाता है। अगर तिरुवनंतपुरम में मेरा विरोध करना उनके लिए ठीक है, तो राहुल गांधी वायनाड में उनका विरोध क्यों नहीं कर सकते? ”उन्होंने यह भी दोहराया कि INDIA ब्लॉक के लिए सीट-बंटवारे का सौदा हमेशा प्रत्येक राज्य की विशिष्टताओं पर निर्भर था। थरूर ने कहा “केरल में वामपंथियों को हमारे साथ सहयोग करने की कोई इच्छा नहीं है, जबकि तमिलनाडु में CPI (M), CPI, मुस्लिम लीग, कांग्रेस और DMK सभी सौहार्दपूर्ण ढंग से एक साथ हैं। वास्तविकता अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। ''एनी ने कहा, ''यह कांग्रेस को तय करना है कि वह किसे कहां से मैदान में उतारना चाहती है। एक स्वतंत्र पार्टी के तौर पर हमने भी निर्णय लिया। यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी का सामना CPI उम्मीदवार से होगा,। उन्होंने 2019 में भी ऐसा किया था। क्या इससे BJP के खिलाफ INDIA ब्लॉक के अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, एनी ने कहा इसका जवाब कांग्रेस को देना है, हमें नहीं।''
इस बीच, कर्नाटक और तेलंगाना दोनों राज्यों के कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से श्री गांधी को अपने-अपने राज्यों से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया है। श्री गांधी के कार्यालय ने खुले तौर पर इस प्रस्ताव को अस्वीकार नहीं किया है।

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