THN Network (Desk):
URMILA SALIL
NEW DELHI : लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित उद्योग -पर्यावरण विभाग संवाद कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक वेस्ट के नियोजित निस्तारण के दृष्टिगत प्लास्टिक पैकेजिंग उद्यमियों पर लागू की गई बाध्यताओं और सम्बन्धित प्रक्रियाओं में उद्यमियों में व्याप्त भ्रम व अनिश्चितता के बावत दिल्ली प्रदेश लघु उद्योग भारती ने बवाना और नरेला की 10 प्रमुख औद्योगिक संगठनों के सहयोग से केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियन्त्रण कमेटी अधिकारियों के साथ dsiidc औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर 5 बवाना में सैंकड़ों उद्यमियों की उपस्तिति में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया।
CPCB की ओर से वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्लास्टिक डिवीजन प्रमुख सुश्री दिव्या सिन्हा जी ने उद्यमियों द्वारा उठाये गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए PWM रूल्स के अन्तर्गत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के सहज होने की जानकारी देते हुए निकट भविष्य में आवश्यक सुधार और उद्यमियों द्वारा पूर्व में दी गई जानकारियों में सुधार का विकल्प अति शीघ्र उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया।
DPCCकी ओर से सीनियर पर्यावरण इंजीनियर मोहम्मद आरिफ , सुनील कुमार जी और सुरेन्द्र सिंह जी ने DPCC की ओर से पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाते हुए उद्यमियों से पर्यावरण कन्सेन्ट और CPCB पोर्टल पर आवश्यक रजिस्ट्रेशन और पर्यावरण नियमों का पालन करने और दंडात्मक कार्यवाही से बचाव के लिए आग्रह किया।
डॉक्टर श्यामप्रसादमुखर्जी औद्योगिक पार्क वेल्फेयर एसोसिएशनके अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह जी ने मंच संचालन करते हुए बवाना -नरेला में कार्यरत 25000 अति सूक्ष्म उद्यमियों की पीड़ा और सामर्थ्य से अधिकारियों को अवगत कराया गया।
लघु उद्योग भारती के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष वरुण मित्तल ने प्लास्टिक उद्यमियों का पक्ष प्रखरता के साथ रखते हुए अधिकारियों को उद्यमियों की शंकाओं से अवगत कराया। और भविष्य में भी इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए उद्यमियों और सरकारी अधिकारियों के बीच सेतु के रूप में अपनी भूमिका निभाने के प्रति उद्यमियों को आश्वस्त किया।
लघु उद्योग भारती के दिल्ली प्रदेश अध्यक्षवीरेन्द्र नागपाल ने चर्चा के बाद भी अनुत्तरित रह गए प्रश्नों को लेकर एक बार फिर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलकर समाधान निकालने के लिए उद्यमियों को आश्वस्त किया।
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केन्द्रीय पर्यावरण मन्त्रालय द्वारा लाये गए "प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स" धरातल की वास्तविकता को समझे बिना लाये जाने के कारण देश के लाखों उद्यमियों की परेशानी का कारण बने हुए हैं। लघु उद्योग भारती की पहल पर माननीय पर्यावरण मंत्री श्री भुपेन्द्र यादव जी ने सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाते हुए कुछ राहत दीं हैं, परन्तु अभी बहुत से प्रश्न अनुत्तरित हैं। सरकार को खुले मन से चर्चा करके आत्मनिर्भर भारत संकल्प की पूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।
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