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BUSINESS: ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन 'फाडा' ने गुरुवार को जानकारी दी है कि जून 2023 में देश में पैसेंजर व्हीकल्स और दोपहिया वाहनों सहित विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री में बढ़ोतरी के कारण खुदरा बिक्री में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले महीने कुल रिटेल सेल पिछले साल के जून महीने के 17,01,105 यूनिट्स के मुकाबले बढ़कर 18,63,868 यूनिट्स हो गई है. जहां यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री जून 2022 में 2,81,811 यूनिट्स थी, वहीं यह जून 2023 में 5 प्रतिशत बढ़कर 2,95,299 यूनिट्स हो गई. इसी तरह, दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले महीने 7 प्रतिशत बढ़कर 13,10,186 यूनिट्स हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने के दौरान यह 12,27,149 यूनिट्स थी. जबकि तिपहिया वाहनों की बिक्री पिछले साल जून में 49,299 यूनिट्स से 75 प्रतिशत बढ़कर 86,511 यूनिट्स हो गई. इसी तरह ट्रैक्टर की खुदरा बिक्री साल-दर-साल 45 प्रतिशत बढ़कर 98,660 यूनिट्स हो गई, जबकि अन्य कमर्शियल वाहनों की बिक्री जून 2022 के 72,894 यूनिट्स के मुकाबले मामूली बढ़त के साथ 73,212 यूनिट्स हो गई.
माह-दर-माह आई बिक्री में कमी
FADA के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि साल-दर-साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ऑटो रिटेल सेक्टर में महीने-दर-महीने 8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जो बिक्री में अल्पकालिक मंदी को दर्शाता है. हालांकि इसके बाद भारत के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के विकास में लचीलापन बरकरार है. उन्होंने कहा कि पिछले सभी सालों के जून महीने की तुलना में जून 2023 में तिपहिया, यात्री वाहन और ट्रैक्टर सेगमेंट में अब तक की सबसे ऊंची बिक्री देखी गई है. साथ ही यह बाजार पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में बदलती डिमांड, नए प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और कई उतार-चढ़ावों से भरा है. दोपहिया वाहनों की बिक्री के बारे में कहते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ओईएम से आपूर्ति बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है और आर्थिक स्थितियों और नए इंट्री लेवल की बाइक की लागत के कारण बाजार में मांग में कुछ कमी आई है. सिंघानिया ने कहा कि नए मॉडल की लॉन्चिंग और त्योहारी सीजन के कारण अगले कुछ महीनों में बिक्री में वृद्धि मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा है कि दोपहिया वाहनों की बिक्री में महीने-दर-महीने 12 फीसदी की गिरावट देखी गई और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में महीने-दर-महीने 56 फीसदी की गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण सरकार का FAME सब्सिडी को कम करना है.
आगामी महीनों में बढ़ेगी मांग
मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में असमान मांग, आपूर्ति के मुद्दों, सरकारी नीतियों और बाहरी बाजार कारकों के कारण मिली जुली प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि देरी और असमान बारिश से फसल की पैदावार कम हो सकती है, फसल चक्र छोटा हो सकता है और भविष्य में फसल की कटाई में देरी हो सकती है. इस घटनाक्रम के कारण ऑटोमोबाइल की बिक्री प्रभावित हो सकती है. खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां कमजोर कृषि सीजन के कारण किसानों आय में कमी आ सकती है, जिससे दोपहिया वाहनों और एंट्री लेवल की कारों की मांग प्रभावित हो सकती है. फिर भी इस मॉनसून सीजन में कृषि को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे मांग में वृद्धि मिल सकती है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) ने कहा कि उसने देश भर के 1,437 आरटीओ में से 1,351 आरटीओ से इस वाहन रिटेल डेटा को एकत्र किया है.
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