Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

बुरी आदतों की वजह से नौजवानों में बढ़ रहा है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

THN Network



HEALTH: कोरोनावायरस (Coronavirus) ने हमें सिखाया कि हेल्थ की वेल्थ...अगर आपकी सेहत अच्छी है तो सब अच्छा है. लेकिन कोरोनावायरस के बाद से ही यंग लोगों में हार्ट स्ट्रोक- ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ा है. आखिर युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा दिन पर दिन क्यों बढ़ता जा रहा है? इससे पहले हम जानें कि आखिर ब्रेन स्ट्रोक है क्या? ब्रेन स्ट्रोक किसी व्यक्ति को तब होता है जब किसी व्यक्ति के दिमाग में पर्याप्त मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है. ब्रेन स्ट्रोक से पहले समझने और बोलने में कई तरह से परेशानी होने लगती है. ब्रेन स्ट्रोक में हमारे दिमाग के आर्टरी या नसों में क्लॉट या थक्का जमने लगता है. इस वजह से दिमाग का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है. 

ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख लक्षणों में है:-


जुबान फिसलना या तुतलाना

हाथ-पैर में कमजोर

चेहरा एक तरफ से लटक जाना

बेहोशी आना

याददाश्त जाना

ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं?

दिमाग की नसों में ब्लॉकेज होना या क्लॉट होना दूसरे में दिमाग का नस फट जाना. 

ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण आपको मामूली लग सकते हैं लेकिन आप इसे भूल से भी इग्नोर न करें. दिमाग की नसों में ब्लड सर्कुलेशन को रुकने में 4-5 मिनट का वक्त लगता है. और 5 मिनट बाद दिमाग में खून जाना बंद हो जाता है. इसके 10-15 मिनट बाद दिमाग खराब होने लगता है. 

युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ने के कारण

आज के युवा काफी ज्यादा धूम्रपान, शराब और कॉफी जैसी चीजों को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना चुके हैं. जिसकी वजह से युवाओं को कम उम्र में ही काफी स्ट्रेस होने लगा है. साथ ही साथ खराब लाइफस्टाइल, नींद की कमी, खराब खानपान और एक्सरसाइज न करना, मोटापा, ब्लड प्रेशर, प्रदूषण जैसी समस्याएं युवाओं को अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है. यह खराब लाइफस्टाइल युवाओं के शरीर और दिमाग के नसों को काफी हद तक डैमेज कर रही है. ऐसी स्थिति में शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है और एंटी-ऑक्सीडेंट्स कम होता जाता है. यही वजह है कि युवाओं में स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है.


Post a Comment

0 Comments