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नोएडा सेक्टर-2 चीन में रखे सर्वर से चला रहा था टेलिफोन एक्सचेंज

THN Network

NOIDA: एसटीएफ ने नोएडा सेक्टर-2 में चलाया जा रहा अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज पकड़ा है। यहां पर इंटरनेशनल कॉल को निजी सर्वर पर लैंड कराकर मोबाइल पर ट्रांसफर किया जा रहा था। ऐसा होने से भारत सरकार की निगरानी और कॉल खर्च का सर्वर बाईपास हो रहा था। इससे एक तरफ जहां सरकार को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा था तो वहीं देश की सुरक्षा से खिलवाड़ से भी इनकार नहीं किया जा सकता। एसटीएफ और फेज-1 थाना पुलिस ने इसके संचालन से जुड़े दो लोग पकड़े हैं। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने मोबाइल, लैपटॉप और डेस्कटॉप समेत अन्य सामान बरामद किया है। यह एक्सचेंज पूर्व में पकड़े गए टेलिफोन एक्सचेंज से एडवांस टेक्नॉलजी का था। इसके संचालन के लिए हर दिन किसी कर्मचारी के रहने की जरूरत नहीं थी। एक बार ऑन करने पर यह सेटअप 15-20 दिन तक बगैर किसी देखरेख के चलता रहता था।

इससे पहले एसटीएफ ने गुरुवार को सेक्टर-132 में चल रहा अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज पकड़ा था। इसमें पूर्व रणजी खिलाड़ी समेत 3 आरोपी पकड़े गए थे। इसके बाद अगली कार्रवाई एसटीएफ ने सेक्टर-2 में की। यहां पर फेज-1 थाना पुलिस, दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के साथ एसटीएफ ने छापेमारी की। मौके से अंश कुमार (गाजियाबाद) और कन्हैया कुमार (बिहार) को पकड़ा गया है। कन्हैया कुमार (33)ने पूछताछ में बताया कि बीएससी करने के बाद वह 2011 में कंप्यूटर नेटवर्किंग में काम कर चुका है।

दिल्ली के गाजीपुर स्थित एक कंपनी में आईटी सॉल्यूशन प्रोवाइडर के तौर पर काम किया। 2014 से 2017 के बीच एक टेलीकॉम कंपनी में काम करने के दौरान कन्हैया ने पीआरआई सर्वर के कन्फिगिरेशन का काम सीखा। इस दौरान उसकी मुलाकात अंश सक्सेना से हुई। बीसीए पास अंश ने बताया कि वह 2010 में नोएडा स्थित प्रोगेसिव इंफोटेक इसके बाद दिल्ली के कॉल सेंटर में काम कर चुका है। बाद में अंश दोस्त अंशुल मेहता के साथ मिलकर गुड़गांव में फर्जी कॉल सेंटर चलाने लगा। इस मामले में वह जेल भी गया था। ऑफिस में अंश और कन्हैया की मुलाकात हुई थी। कुछ महीने पहले दोनों ने मिलकर टेलिफोन एक्सचेंज का सेटअप बनाया। इसका प्रमोशन करने के बाद जब कॉल आने शुरू हुए तो निजी सॉफ्टवेयर पर इन्हें लैंड कराकर डायवर्ट करने लगे।

20 से 50 पैसे प्रति मिनट मिलता था मुनाफा

एसटीएफ की पूछताछ में कन्हैया ने बताया कि आईएसडी कॉल को लैंड कराने के लिए उसे 20 से 50 पैसे प्रति मिनट के हिसाब से मिलते थे। यह रकम यशपाल नाम के व्यक्ति के खाते में बिटकॉइन सहित अन्य तरीकों से ट्रांसफर होती थी। यह बात भी सामने आ रही है कि कुछ रकम आरोपियों के पास हवाला से भी आ रही थी।

चीनी कनेक्शन होने की आशंका

जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-2 से पकड़ा गया यह टेलिफोन एक्सचेंज अब तक पकड़े गए एक्सचेंज से एडवांस था। इसके सेटअप को आरोपी बंद कर चले जाते थे और यह काम करता रहता था। इसकी पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक थी। आशंका है कि चीन में रखे सर्वर से भी इस एक्सचेंज को कनेक्ट किया गया था। इससे एक्सचेंज में जो कॉल लैंड कराए जा रहे थे। उसमें बड़ी संख्या चीन से आने वाले कॉल के होने की आशंका है।

फर्ज़ी नाम से कराया रेंट एग्रीमेंट

जांच में यह भी सामने आया है कि सेक्टर-2 की जिस बिल्डिंग में अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज पकड़ा गया है, वहां पर आरोपियों ने रेंट एग्रीमेंट आईटी सर्विस के नाम पर बनवाया था। इस एग्रीमेंट को बनवाने से पहले फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया गया था। इसके बाद उसी फर्जी नाम पते पर बने आधार कार्ड पर यह एग्रीमेंट बना था।


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