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बिहार में भरभराकर गिरे ब्रिज तो एक्शन में आई नीतीश सरकार, पुल को लेकर जारी कर दिया तगड़ा फरमान


THN Network

PATNA DESK: बिहार में सात दिन के अंदर तीन पुल गिर गए। धड़ाधड़ गिर रहे पुल ने नीतीश सरकार की नींद उड़ा दी है। लगातार पुल का ध्वस्त होते जाने को लेकर राज्य सरकार ने एहतियाती कदम उठाने का फैसला लिया है। दरअसल, इन दिनों बिहार के ग्रामीण इलाकों में कई पुल के भरभरा कर गिर जाने के बाद सचेत हुई सरकार ब्रिज की कमजोरी को जानने और नए पुल मजबूत बने, इसके लिए सभी ग्रामीण पुलों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने जा रही है। मकसद यह है कि सरकारी राशि का सदुपयोग हो और जानमाल की सुरक्षा भी की जा सके। साथ ही आवागमन को लेकर किस तरह की परेशानी होती है, इस बात को भी जानने की कोशिश होगी।


कौन करेंगे ऑडिट और कहां से होगा मॉनिटरिंग?
ग्रामीण कार्य विभाग इस महत्वपूर्ण स्ट्रक्चरल ऑडिट की जिम्मेदारी ली है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर विभागीय अभियंताओं और अधिकारियों की तैनाती होगी। विभागीय ऐप के माध्यम से हर दिन ऑडिट से जुटाई गई जानकारी मुख्यालय भेजी जाएगी। इस आधार पर मुख्यालय स्तर से मॉनीटरिंग होगी। सभी आंकड़े इकट्ठा होने के बाद इसकी दोबारा जांच की भी व्यवस्था की जायेगी। जुटाई गई तमाम जानकारियां के आधार पर पुल का ग्रेड तैयार होगा। फिर इस आधार पर यह तय होगा कि पुल को मरम्मत की जरूरत है या पूरी तरह से पुनर्निर्माण की।

ऑडिट के मुख्य बिंदु

किस पुल से कितनी आबादी जुड़ी है, कितने वाहनों का प्रतिदिन आवागमन होता है?
पुल की क्षमता कितना और किस तरह के वाहनों के वजन का उठाने की है?
पुल से होकर किस तरह के वाहन गुजरते हैं?
पुल निर्माण की तिथि ?
पुल की अनुमानित आयु कितनी है?
क्या कभी मरम्मत भी हुई और हुई तो कब-कब?
आकलन इस बात की भी होगी कि वर्तमान पुल की मरम्मत की भी जरूरत है। कौन-से पुराने पुल की जगह नया पुल बनाने की जरूरत है?

निर्माण से जुड़े हर शख्स पर होगी नजर
पुल की मरम्मत का मामला हो या पुनर्निर्माण का, ठेकेदारों और अभियंताओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी। फिर भी पूल गिरता है या उसका कोई हिस्सा तो कड़ी करवाई का प्रावधान विभाग ने बनाया है। इसमें जुर्माने के तौर पर मरम्मत या नये पुल के निर्माण का खर्च ठेकेदार को वहन करना पड़ेगा।सात दिन के अंदर गिरे तीन पुल
शनिवार को ही सिवान जिले में एक पुल ढह गया। यह पुल दरौंदा और महाराजगंज प्रखंडों के बीच से गुजर रही एक नहर पर बनाया गया था, जो सुबह लगभग पांच बजे अचानक ढह गया। वर्ष 1991 में बना पुल का खंभा नहर में पानी छोड़े जाने के कारण धंस गया और पूरा पूल ध्वस्त हो गया। अभी कुछ ही दिन पहले पहले बकरा नदी (अररिया) पर 33 करोड़ की लागत से बना उद्घाटन के पहले गिर गया। इसके अलावा शनिवार देर रात एक मोतिहारी में भी निर्माणाधीन पुल गिर गया।

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