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पेट या पीठ के बल सोना चाहिए, वैज्ञानिकों की सलाह जानिए?NEED


THN Network

हर किसी को पूरे दिन की थकान दूर करने के लिए एक अच्छी नींद की जरूरत होती है. आमतौर पर लोग करवट लेकर या पीठ के बल सोते हैं लेकिन एक सवाल जो आपके मन में भी कभी न कभी जरूर आया होगा कि आखिर सोने का सही तरीका क्या है. 

आमतौर पर आपको सोशल मीडिया पर इस सवाल के कई अलग-अलग जवाब मिल जाएंगे. कुछ वेबसाइट दावा करती है कि पीठ के बल सोना चाहिए तो कुछ पेट के. इतना ही नहीं बाजार में तो कई ऐसे डिवाइस भी मौजूद हैं जो आपको पीठ के बल सोने में मदद करने का दावा करते है. 

लेकिन नेशनल जियोग्राफी की एक रिपोर्ट में अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष और वाशिंगटन में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर रमन मल्होत्रा कहते हैं कि कई बार अपने सोने की अवस्था पर काबू करने की कोशिश करना भी शरीर के लिए काफी हानिकारक हो सकता है. 

ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि आखिर किस अवस्था में सोने की आदत लगाना सबसे ज्यादा फायदेमंद है...

अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग तरीके से सोना फायदेमंद

नेशनल जियोग्राफी की रिपोर्ट में डॉ मल्होत्रा ने सोने की स्थिति को लेकर कहा कि आमतौर पर एक बार जब आप सो जाते हैं, तो आपका शरीर खुद ब खुद तय कर लेता है कि आपको किस अवस्था में सोना चाहिए. 

इसे ऐसे समझे कि जब किसी इंसान के शरीर के दाहिने हिस्से में दर्द होता है तो वह व्यक्ति नींद में अपने आप ही बाई ओर करवट बदलकर सो जाता है. या फिर अगर उस व्यक्ति के पीठ में चोट है या दर्द है तो उसका शरीर नींद की अवस्था में अपने आप ही पेट की तरह से सो जाएगा. इसलिए किसी एक तरीके से सोना ही सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है ये कहना पूरी तरह सही नहीं होगा. 

स्वस्थ शरीर के लिए किस अवस्था सोना फायदेमंद 

डेनमार्क में हुए एक रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने कुछ लोगों पर स्लीप डिटेक्टर्स लगाए. जिससे सामने आया कि इस स्टडी में शामिल हुए लगभग 50 प्रतिशत लोग करवट लेकर सोते हैं, जबकि 38 प्रतिशत लोग पीठ के बल पर और लगभग 7 प्रतिशत लोग पेट के बल सोते हैं.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में डॉक्टर स्वाति महेश्वरी ने इसी सवाल का जवाब देते हुए कहा, "ये सच है कि पेट के बल सोने की तुलना में पीठ के बल सोना या करवट लेकर सोना शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है. 

लेकिन अगर आपको एसिडिटी या कमर दर्द की समस्या है तो आपके लिए करवट लेकर सोना काफी लाभदायक है. हालांकि डॉक्टर स्वाति ने ये भी कहा कि जिन लोगों के गर्दन या कंधे में दर्द रहता है या चेहरे पर झुर्रियों की शिकायत है ऐसे लोगों को हम आमतौर पर पीठ के बल सोने की सलाह देते हैं. 

करवट लेकर लंबे समय तक सोने से होती है ये दिक्कत 

डॉक्टर स्वाति महेश्वरी ने बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा कि, " ज्यादातर लोग करवट लेकर सोते हैं, लेकिन काफी लंबे समय तक एक ही करवट में सोने पर भी लोगों की गर्दन में दिक्कत आ सकती है. इसके अलावा एक तरफ से सोने के कारण कंधे में अकड़न आ सकती है. 

जुकाम है तो इस तरह सोने की कोशिश करें 

डॉक्टर ने आगे कहा कि अगर किसी व्यक्ति को जुकाम या साइनस की परेशानी है या ऐसिड रीफ़्लेक्स ज्यादा होता है तो ऐसी स्थिति में लोगों को तकिया थोड़ा ऊंचा कर के सोना चाहिए. आप भले ही करवट लेकर सो रहे हों या पीठ के बल, तकिया उंचा कर के सोइए. ऐसे में न सिर्फ आपको बेहतर नींद आएगी बल्कि आपकी सांस की नली भी खुली रहेगी. 

खर्राटे लेते हैं तो पीठ के बल सोने से बचें 

एक्सपर्ट्स के अनुसार जो लोग सोते वक्त बहुत ज्यादा खर्राटा लेते हैं उन्हें पीठ या पेट की तरफ से सोने से परहेज करना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए बेहतर है कि वो करवट लेकर सोए."

पेट के बल सोने से आ सकती है ये समस्या

भले ही पेट के बल सोना आपके लिए शुरु में आरामदायक हो सकता है, लेकिन इससे आगे चलकर दिक्कत खड़ी हो सकती है. पेट के बल सोने से आपकी रीढ़ पर दबाव ज्यादा बनता है, जिससे पीठ दर्द की समस्या हो सकती है. इसके अलावा ये गर्दन में दर्द की भी वजह बनता है.

कितनी देर सोने की सलाह देते हैं एक्सपर्ट 

अमेरिका की रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर आपकी उम्र 18 से 60 साल के बीच है तो आपको दिन में कम से कम 7 से 8 घंटे सोना चाहिए. वहीं 61 से 65 साल तक के वयस्कों को प्रतिदिन 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए.

हालांकि इसी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 7 या 8 घंटे की नींद कोई जादुई आंकड़ा नहीं है. एक इंसान के लिए कितनी देर सोना फायदेमंद है ये उसके शरीर और थकान से तय किया जाता है.  अगर सोते वक्त आपकी नींद की गुणवत्ता अच्छी नहीं है तो ये समय दस घंटा भी हो सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आपने 10 घंटे की भी नींद ले ली लेकिन वो नींद गहरी नहीं है तो आप थका हुआ महसूस कर सकते हैं. 

नींद में सपना देखना अच्छा या बुरा 

नेशनल जियोग्राफी की एक रिपोर्ट के अनुसार सोते वक्त देखे गए सपने आपके रिलैक्सिंग स्लीप और डीप स्लीप को बाधित करते हैं. अगर लगातार आप नींद में सपना देख रहे हैं तो धीरे धीरे थकान होने लगती है आपको गुस्सा ज्यादा आने लगता है, आप चीज़े भूलने लगते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि सोने के तीनों पैटर्न में संतुलन रहे."

अच्छी नींद के लिए क्या करना चाहिए

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट कहती है कि बहुत लंबे समय तक ठीक से नहीं सो पाना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है. नींद की कमी से मोटापा, हृदय रोग, मूड स्विंग, टाइप-2 डायबिटीज जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है.

डॉक्टर स्वाती के मुताबिक बेहतर नींद के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिये. 

पहला- आपको कोशिश करनी चाहिये की आप बिस्तर उसी वक्त जाएं जब आपको नींद आने लगे. क्योंकि आमतौर पर जब हं बिना नींद के बिस्तर पर जाते हैं तो लेटे लेटे ओवर थिंकिंग (ज्यादा सोचने लगेंगे) करते हैं जिससे नींद बाधित होती है. 

दूसरा- सोना का समय तय करना बेहद जरूरी है.

तीसरा- डॉक्टरों की मानें तो सोने से 40 मिनट पहले अपने सारे इलेक्ट्रॉनिक सामान , फिर चाहे वो टीवी हो, टैबलेट हो या मोबाइल हो उसे बंद कर देना चाहिये. 

चौथा- शाम के 6 बजे के बाद चाय या कॉफी पीने से बचना चाहिए क्योंकि ये स्टिम्युलेंट्स होते हैं, जो आपकी नींद खराब कर सकते हैं. 

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