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Loudspeaker Ban: मोहन यादव की पुलिस ने उतरवाए 27,000 लाउडस्पीकर; CM बनते ही दिया था कार्रवाई का निर्देश

THN Network


भोपाल
। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को शपथ लेने के बाद पहला आदेश निर्धारित मापदंड से अधिक ध्वनि करने वाले विस्तारक यंत्रों के विरुद्ध कार्रवाई का दिया था। पुलिस ने बीते 17 दिनों में पूरे प्रदेश में तेज आवाज से बजने वाले 27,000 लाउडस्पीकर हटवा दिए, पुलिस को यह पता नहीं है कि हटाए गए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के आवाज की तीव्रता मापदंडों से अधिक थी या नहीं। यह जरूर राहत देने वाली बात रही कि आपसी सहमति से प्रदेश भर में सारी कार्रवाई हुई, जिससे कहीं भी विवाद की स्थिति नहीं बनी।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर मुख्यमंत्री के इस निर्णय की चर्चा भी हुई। दरअसल, इस काम में लगे पुलिसकर्मी अपने मोबाइल पर ध्वनि की तीव्रता मापने वाले एप इंस्टाल कर इसे माप रहे हैं पर यह नहीं कहा जा सकता कि इसके आंकड़े कितने विश्वसनीय हैं। कार्रवाई के लिए बनने वाले उड़नदस्ता में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विज्ञानियों को भी रहना था पर कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण वह पुलिस-प्रशासन के साथ नहीं जा रहे हैं।

कितनी है नोइज मीटर की कीमत?

प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने बताया कि आवाज की तीव्रता नापने वाला नोइज मीटर लगभग ढाई लाख रुपये में आता है। प्रदेश में इसकी संख्या सीमित ही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के पहले मंडल अधिकतर शिकायतों पर ही कार्रवाई कर रहा था। इनमें नोइज मीटर से ही ध्वनि प्रदूषण की जांच कर कार्रवाई की जाती है।

पुलिस आयुक्त, भोपाल हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि वर्जनपुलिसकर्मी मोबाइल में एप इंस्टाल कर ध्वनि का स्तर माप रहे हैं। ध्वनि प्रदूषण मापने के यंत्र की री¨डग और एप की री¨डग लगभग बराबर आती है। दोनों का मिलान करके भी देखा जा चुका है।

प्रदूषण नियंत्रण मंडल, भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा ने कहा,

प्रदूषण नियंत्रण मंडल 'नोइज मीटर' से ध्वनि प्रदूषण को मापता है। यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मापदंडों के आधार पर होते हैं। प्रदूषण के अतिरिक्त अन्य तरह की री¨डग भी इसमें आ जाती है। सीएसआइआर-नीरी ने प्रदूषण मापने के लिए एप बनाया है। इसका उपयोग किया जाए तो शुद्धता लगभग सही आती है। हां, महत्वपूर्ण यह है कि प्रदूषण को कितनी दूर से मापा जा रहा है, उसकी तय गाइडलाइन है। इसका पालन जरूरी होता है।



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