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HEALTH DESK: छींक आने पर लोग अक्सर हाथ की मदद से उसे रोक लेते हैं. ऐसा करना जानलेवा भी हो सकता है. आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए.छींक रोकना जानलेवा हो सकता है. छींक आने के वक्त हमारे नासा-छिद्रों से तेजी से हवा पास करती है. अगर आप छींक को एक पल के लिए भी रोकते हैं, तो उसका सारा दबाव दूसरे अंगों की तरफ मुड़ जाता है.
छींक आने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे धूल-मिट्टी, मसालेदार खाना, सर्दी-जुकाम, एलर्जी, शरीर का तापमान बदलना. छींक की मदद से नाक बॉडी को साफ़ करती है.
यह एक तरह की एलर्जी होती है, जिसमें इंसान की बॉडी छोटे से छोटे एयर पॉल्यूशन, कण और फंगल के प्रति बेहद संवेदनशील होती है.
साइंस जर्नल बीएमजे केस की रिपोर्ट में डॉक्टरों ने बताया था कि जब इंसान छींक रोकने की कोशिश करता है तो इससे उसके कान को नुकसान पहुंच सकता है.
यहां तक कि दिमाग की नसें फटने के भी चांसेज बढ़ जाते हैं. ईएनटी (कान, नाक और गला) डिपार्टमेंट के डॉक्टर कहते हैं, “नाक और मुंह बंद करके छींकना ख़तरनाक़ हो सकता है और इससे बचना चाहिए.”
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