Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

कोल्ड ड्रिंक से कैंसर का रिस्क: किस मात्रा में पीने से परेशानी नहीं होगी

THN Network


HEALTH DESK: कोका-कोला पीने से कैंसर का रिस्क है। इस बात की पुष्टि कैंसर पर रिसर्च करने वाली WHO की संस्था इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर यानी IARC ने की है।

चेतावनी जारी करते हुए संस्था का कहना है कि कोका-कोला समेत बाकी सॉफ्ट ड्रिंक, जूस और फूड आइटम्स में मिठास लाने के लिए एस्पार्टेम यूज होता है। इससे ही कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।

सोशल मीडिया पर इन दिनों इस तरह की कई रिसर्च वायरल हो रही हैं। अब इसमें कितनी सच्चाई है, साथ ही एस्पार्टेम से हेल्थ को क्या नुकसान होता है, 

कोका-कोला और फूड आइटम्स को मीठा करने वाला एस्पार्टेम क्या होता है?
एस्पार्टेम एक आर्टिफिशियल स्वीटनर है। ये एक तरह का चीनी का विकल्प है। इसे केमिकल को मिलाकर तैयार किया जाता है।

 आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम से कैंसर का रिस्क कैसे है?
दरअसल इसमें कार्सिनोजेनिक तत्व होता है, जो बॉडी में कैंसर सेल्स को ट्रिगर करने का काम करता है।

अगर आप किसी भी ऐसी चीज को रेगुलर खाते हैं, जिसमें एस्पार्टेम मौजूद है तो इसका साफ-सीधा मतलब यह है कि आप खुद कैंसर जैसी डेंजरस बीमारी को इन्विटेशन दे रहे हैं।

आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम में कैलोरी की मात्रा नहीं होती है। हेल्थ के लिए इसका इस्तेमाल इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इसमें नॉर्मल चीनी की तुलना में 200 गुना ज्यादा मिठास होती है।

WHO ने अभी ये नहीं बताया है कि एस्पार्टेम मिले हुए प्रोडक्ट का कितनी मात्रा में खाना-पीना सुरक्षित है। नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ का कोई कितना इस्तेमाल कर सकता है, यह सुझाव WHO की एक अलग एक्सपर्ट कमेटी देती है। आमतौर पर यह सुझाव जॉइंट WHO एंड फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन एक्सपर्ट कमेटी ऑन फूड एडिटिव्स (JECFA) देता है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर को बनाने में किसी भी तरह के नेचुरल रिसोर्सेज यानी प्राकृतिक संसाधनों का यूज नहीं किया जाता है। अगर रेगुलर बेसिस पर इसका यूज किया जाए तो यह शरीर में कई बीमारियों का कारण बन सकती है। 

हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर: जो लोग दिन में दो बार से ज्यादा आर्टिफिशियल स्वीटनर का यूज करते हैं उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम के होने का खतरा सामान्य के मुकाबले ज्यादा रहता है।

डायबिटीज : आर्टिफिशियल स्वीटनर के लगातार यूज से मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब हो जाता है। अगर कोई हर दिन मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब करता है तो उसे डायबिटीज होने का रिस्क रहता है।

वजन बढ़ना : आर्टिफिशियल स्वीटनर का यूज करने से भूख बढ़ती है। जिससे मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। मेटाबॉलिज्म के कम होने से वजन तेजी से बढ़ता है। खासकर बाजार में मिलने वाले पैकेटबंद मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जिसकी वजह से भी वजन बढ़ सकता है।

Post a Comment

0 Comments