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क्या नीतीश कुमार होंगे INDIA के संयोजक?

THN Network


NEW DELHI: विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की घोषणा की जा सकती है. सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश के संयोजक बनाए जाने की बात फाइनल हो गई है, जिसका एलान मुंबई में होगा. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा है कि 11 सदस्यों की एक को-ऑर्डिनेशन टीम बनाई जाएगी, जिसका एक संयोजक होगा.

17 और 18 जुलाई को विपक्षी दलों की बेंगलुरु में दूसरी बैठक हुई थी, जिसमें 26 पार्टियां शामिल हुई थीं. इससे पहले पटना में हुई पहली बैठक में 15 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था.

नीतीश ने गठबंधन के नाम को लेकर क्यों जताई थी आपत्ति?

सूत्रों ने यह भी बताया कि नीतीश कुमार को INDIA शब्द पर नहीं बल्कि INDIA के D फॉर डेमोक्रेटिक शब्द पर आपत्ति थी. विपक्षी दलों की बैठक में उन्होंने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था की डेमोक्रेटिक शब्द NDA में आता है इसलिए डेमोक्रेटिक की जगह डेवलपमेंट शब्द रखा जाए. करीब आधे घंटे तक इस पर बहस हुई और आखिर में नीतीश के सुझाव को मान लिया गया.

कांग्रेस ने कहा- हमें सत्ता या पीएम पद में दिलचस्पी नहीं

2024 लोकसभा चुनाव से पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए 26 विपक्षी दल बेंगलुरु में एकजुट हए थे. इसी दौरान, इस गठबंधन के लिए 'इंडिया' नाम का ऐलान किया गया. बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस की सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा, "इस बैठक में हमारी मंशा अपने लिए सत्ता हासिल करने की नहीं है. हमारा इरादा हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरेपक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है."

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि विपक्षी दलों के बीच राज्य स्तर पर मतभेद हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि ये मतभेद विचारधारा से संबंधित नहीं हैं. खरगे ने आगे कहा, "ये मतभेद उतने बड़े नहीं है कि हम उन्हें महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्ग और आम आदमी की खातिर, बेरोजगारी से जूझ रहे हमारे युवाओं की खातिर, गरीबों की खातिर और पर्दे के पीछे चुपचाप कुचले जा रहे दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की खातिर पीछे नहीं छोड़ सकते." उन्होंने कहा कि यहां 26 पार्टियां एकजुट हुई हैं और ये आज 11 राज्यों की सरकारों में हैं.

खरगे ने कहा कि बीजेपी ने 2019 में 303 सीटें अकेले के दम पर नहीं जीती थीं, उसने अपने सहयोगियों का भी इस्तेमाल किया था और सत्ता में आने के बाद उन्हें छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि आज, भाजपा अध्यक्ष और पार्टी नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य दौड़ लगा रहे हैं.


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