THN Network (Desk):
आईएमडी ने गुरुवार (23 फरवरी) को कहा कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में अगले पांच दिन में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री अधिक दर्ज किए जाने का अनुमान है.देश के कई हिस्सों में पहले से ही अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है जो आमतौर पर मार्च के पहले सप्ताह में दर्ज किया जाता है. इसने इस साल तीव्र गर्मी और लू को लेकर चिंताओं को बढ़ा दिया है. आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है. ’’आईएमडी ने कहा कि अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिमी भारत में अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय बदलाव की संभावना नहीं है. हालांकि, इसके बाद पारा दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने का अनुमान है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मार्च के पहले 15 दिनों में उत्तर पश्चिमी भारत के एक या दो मौसम संबंधी उपखंडों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक तक बढ़ सकता है.
आईएमडी ने फरवरी में असामान्य रूप से गर्म मौसम के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें मजबूत पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बन्स) की अनुपस्थिति प्रमुख कारण है. उल्लेखनीय है कि मजबूत पश्चिमी विक्षोभ बारिश लाते हैं और तापमान को कम रखने में मदद करते हैं. सोमवार (20 फरवरी) को उत्तर-पश्चिमी, मध्य और पश्चिम भारत के अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ यहां सोमवार को 1969 के बाद फरवरी का तीसरा सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया.
यदि किसी केंद्र का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में कम से कम 37 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और वह सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होता है तो लू की घोषणा की जाती है.
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