NEW DELHI DESK: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार (30 जून 2024) को रियासी आतंकवादी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में कई स्थानों पर छापेमारी की. आतंकवादियों ने 9 जून 2024 की शाम को रियासी जिले के पौने इलाके में शिवखोरी से कटरा जा रहे यात्रियों की बस पर गोलीबारी शुरू कर दी थी, जिससे बस पास की खाई में जा गिरी थी. इस आतंकी हमले के कारण एक बच्चा सहित नौ लोगों की मौत हो गई थी.
रजौरी में पांच जगहों पर छापेमारी
इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने 15 जून 2024 को इसकी जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा. इसी के तहत एनआईए ने हाइब्रिड आतंकवादियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) से जुड़े पांच जगहों की तलाशी ली. गिरफ्तार आरोपी हाकम खान उर्फ हाकीन दीन के ओर से बताए गए स्थानों पर एनआईए की टीम तालाशी के लिए पहुंची थी. एनआईए की जांच के अनुसार हाकम ने उन्हें (आतंकवादियों) रहने के लिए सुरक्षित स्थान, भोजन और जरूरी चीजें उपलब्ध कराया था.
गिरफ्तार आरोपी ने किए कई खुलासे
एनआईए ने आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए जांच के दौरान आतंकवादियों और ओजीडब्ल्यू के बीच लिंक को स्थापित करने के लिए कई सामानों को जब्त किया. रियासी एसपी के अनुसार आरोपी हाकीन दीन ने न केवल हमलावरों को पनाह दी, बल्कि उनकी गितिविधियों और कामों में खूब मदद की, जिससे यह घटना हुई. पूछताछ के दौरान हाकीन दीन ने खुलासा किया कि तीन आतंकवादी उसके घर पर रुके हुए थे. एसपी के अनुसार आतंकियों ने आरोपी को पैसे भी दिए थे.
जम्मू-कश्मीर में जून में कई आतंकी हमले हुए के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को वहां की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करनी पड़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान श्रीनगर में कहा था, "सरकार हाल के आतंकी हमलों को लेकर गंभीर है. देश के दुश्मनों को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. शांति और मानवता के दुश्मन जम्मू-कश्मीर में विकास से खुश नहीं."
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