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NEW DELHI: संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर विपक्षी हमलों के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने सांसदों से संसद में हुई घटना पर राजनीति न करने का आग्रह किया. साथ ही स्पीकर ने बताया कि सदन के अंदर हुई घटना की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है.
पत्र में लोकसभा अध्यक्ष ने पूर्व में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ''दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांसदों के निलंबन की घटना को इस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि इससे पहले भी तमाम घटनाएं हो चुकी हैं जिसका देश साक्षी रहा है.''
'सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सांसदों को किया निलंबित'
उन्होंने कहा ''ऐसी घटनाओं पर क्या फैसला लेना है यह लोकसभा स्पीकर का विशेषाधिकार है. मुझे सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सांसदों को निलंबित करने का कठोर निर्णय लेना पड़ा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो.''
'सभी के लिए चिंता का विषय'
लोकसभा अध्यक्ष ने पत्र में कहा, "13 दिसंबर को सदन के अंदर जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, वह हम सभी के लिए चिंता का विषय है. हमने सदन में इस घटना पर सामूहिक चिंता व्यक्त की. उसी दिन मैंने सभी दलों के नेताओं से चर्चा की कि हम संसद में सुरक्षा व्यवस्था को और कैसे मजबूत कर सकते हैं. बैठक के दौरान दिए गए कुछ महत्वपूर्ण सुझावों को तुरंत लागू कर दिया गया है."
उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन
उन्होंने बताया कि सदन के अंदर हुई घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है. कमेटी ने काम शुरू कर दिया है. इस कमेटी की रिपोर्ट जल्द ही सदन के साथ साझा की जाएगी.
'सदन में पोस्टर लेकर आए थे सांसद'
वहीं, ओम बिरला के पत्र पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "जिन संसद सदस्यों को निलंबित किया गया उसका इस घटना (संसद सुरक्षा चूक) से कोई संबंध नहीं है. ये दोनों अलग-अलग विषय हैं. इस पत्र में ये भी लिखा है कि संसद सदस्यों का निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि वह सदन में पोस्टर लेकर आए और उन्होंने संसद को सुचारू रूप से चलने नहीं दिया. अगर इस प्रकार से विपक्ष संसद नहीं चलने देगा तो उनकी आवाज कैसे सरकार के पास पहुंचेगी.''
निलंबित सांसदों का प्रदर्शन
संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते स्पीकर ने गुरुवार (14 दिसंबर) को कांग्रेस समेत विभिन्न दलों को कुल 13 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था. इसके बाद शुक्रवार (15 दिसंबर) को सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने निलंबित सांसदों ने प्रदर्शन किया. इनका कहना था कि दोनों सदनों में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है. विपक्षी सांसद गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं.
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