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Hyderabad: तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 (Telangana Assembly Elections 2023) में वार-पलटवार का सिलसिला तेज हो गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ कथित संबंधों को लेकर तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख ए रेवंत रेड्डी (A Revanth Reddy)और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। दरअसल रेवंत रेड्डी ने कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी की शेरवानी के नीचे 'खाकी निक्कर' है। इसके बाद ओवैसी ने रेवंत रेड्डी को 'आरएसएस की कठपुतली' बताया है।
RSS के एजेंडे को बढ़ावा दे रहे रेवंत रेड्डी
हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी पिछले कुछ हफ्तों से रेवंत रेड्डी पर उनकी कथित आरएसएस बैकग्राउंड को लेकर निशाना साध रहे हैं। चुनाव प्रचार के तहत सार्वजनिक बैठकों के दौरान असदुद्दीन औवेसी और उनके भाई अकबरुद्दीन औवेसी आरोप लगाते रहे हैं कि रेवंत रेड्डी आरएसएस के एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं।
गांधी भवन को गोडसे भवन में बदला
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने भी कई मौकों पर इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने टिप्पणी की थी कि कांग्रेस ने आरएसएस बैकग्राउंड वाले एक व्यक्ति को राज्य प्रमुख के रूप में नियुक्त कर गांधी भवन (राज्य कांग्रेस मुख्यालय) को 'गोडसे भवन' में बदल दिया है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) कमेटी के प्रमुख ने स्वीकार किया कि वह अतीत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े थे, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया।
ओवैसी की शेरवानी के नीचे खाकी निक्कर
इस जुबानी जंग का लेटेस्ट दौर पिछले सप्ताह तब शुरू हुआ जब रेवंत रेड्डी ने चुनावी रैलियों के दौरान असदुद्दीन ओवैसी की ओर से उन्हें 'आरएसएस अन्ना' कहकर संबोधित करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ओवैसी पर अपना हमला तेज करते हुए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को टिप्पणी की थी कि असदुद्दीन ओवैसी की शेरवानी के नीचे 'खाकी निक्कर' है। मैंने सोचा कि असदुद्दीन ओवैसी की शेरवानी के नीचे पायजामा है लेकिन उसके नीचे खाकी निक्कर है।
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