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UP: अयोध्या के राम मंदिर मस्जिद विवाद पर 9 नवंबर 2019 में फैसला आने के बाद राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया. राम लला के मंदिर के प्रथम चरण का निर्माण यानी भूतल का निर्माण पूरा हो गया और 2024 में भगवान राम भव्य महल में विराजमान हो जाएंगे. वहीं, दूसरी ओर मस्जिद निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा धन्नीपुर में 5 एकड़ भूमि आवंटित किया गया, लेकिन अभी तक मस्जिद का निर्माण शुरू नहीं हो सका है. अब इसमें हो रही देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
बता दें कि पूर्व में अयोध्या विकास प्राधिकरण के द्वारा स्वीकृति न मिलने के कारण निर्माण कार्य नहीं हो सका था. लेकिन, अब मस्जिद निर्माण के लिए स्वीकृति मिल गई है. भूमि के इस्तेमाल को लेकर आ रही कानूनी अड़चनों को समाप्त कर प्रशासन ने मस्जिद निर्माण के लिए गठित किए गए इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट के पाले में गेंद डाल दी. मस्जिद ट्रस्ट के द्वारा अब मस्जिद निर्माण के लिए नक्शा सबमिट करने के साथ भवन निर्माण के शुल्क जमा किए जाने के साथ नक्शे की स्वीकृति मिल जाएगी. जिला प्रशासन की मानें तो अभी तक मस्जिद ट्रस्ट की तरफ से नक्शा और शुल्क जमा नहीं किया गया है.
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने दी थी स्वीकृति
बता दें कि अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट गठन के बाद 25 मई 2021 में अयोध्या विकास प्राधिकरण से नक्शे की स्वीकृति को लेकर 11 सेट को 5 लाख रुपये प्रोसेसिंग फीस के साथ जमा किया था. ट्रस्ट के मुताबिक, इस 5 एकड़ भूमि पर 2000 नमाजियों के लिए मस्जिद, 300 शैय्या वाला अस्पताल, कम्युनिटी किचेन और रिसर्च सेंटर का निर्माण कराए की योजना थी. एडीए ने इसकी स्वीकृति के लिए 15 विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा मांगी थी. लंबे समय के इंतजार में अग्निशमन विभाग ने होल्ड लगा दिया. लेकिन, अब एडीए ने इसकी स्वीकृति दे दी है. अब जल्द ही मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन की बैठक के बाद निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.
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