THN Network
NEW DELHI: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM के नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इसमें शामिल लोग दागदार हैं। अतीत में वे बीजेपी के साथ रहे हैं। एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में उनसे पूछा गया कि अगर I.N.D.I.A. गठबंधन आपके लिए बांहें खोल दे तो आप क्या करेंगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें न ऐसी महबूबा की जुल्फों की जरूरत है और उन उनकी बांहों में जाना है। ये बहुत खतरनाक महबूबा है। ओवैसी ने कहा कि एक तरफ महबूबा है तो दूसरी तरफ महबूब। एक तरफ दुकानदार हैं तो दूसरी तरफ चौकीदार। उन्हें किसी के भी तरफ नहीं जाना।
ओवैसी ने वैश्विक कूटनीति से लेकर राजनीति तक, मणिपुर हिंसा से लेकर नूंह में बुलडोजर कार्रवाई तक, चीन की आक्रामकता से लेकर समान नागरिक संहिता तक तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी।
'हमें महबूबा की जुल्फों की जरूरत नहीं, ये बहुत खतरनाक और बेवफा'
जब उनसे पूछा गया कि अगर 'इंडिया' गठबंधन बांहें खोल दे तो जाना चाहेंगे, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव पर आपने उनका साथ भी दिया था तो उनका जवाब था, 'हमने उनका साथ नहीं दिया, बीआरएस के अविश्वास प्रस्ताव पर साथ दिया। वो बांहें-वाहें नहीं खोलने वाले हैं, हमें मालूम है। हमको जरूरत भी नहीं है। हमकों ऐसी महबूबा की बांहों में जाकर सुकून नहीं मिलने वाला है। ये ऐसी महबूबा है जिसने बहुत से लोगों से वफा नहीं किया। हमको न ऐसी महबूबा की जुल्फों की जरूरत है, न इनके गले में जाना है। हमें दूर से दिख रहा है, बहुत खतरनाक महबूबा हैं। एक तरफ महबूबा हैं तो दूसरी तरफ महबूब हैं। हमको दूर रहना चाहिए। दुकानदर की मोहब्बत है और एक तरफ चौकीदार के दावे हैं। हमें इनसे दूर रहना है।'
'दुकानदार की सेटिंग चौकीदार से, चौकीदार की सेटिंग दुकानदार से'
ओवैसी ने कांग्रेस और बीजेपी का नाम लिए बगैर उन्हें 'दुकानदार' और 'चौकीदार' बताया जिनकी 'एक दूसरे से सेटिंग' है। उन्होंने कहा, 'जब मुसलमानों पर जुल्म होता है तो दोनों मुंह नहीं खोलते। यूएपीए का कानून अमित शाह लेकर आए तो कांग्रेस ने उनका सपोर्ट किया। दुकानदार मोहब्बत की बात करेंगे लेकिन उनके पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के लीडर (कमलनाथ) कहते हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र है। दोनों की सेटिंग है एक दूसरे से। दुकानदार की सेटिंग है चौकीदार से, चौकीदार की सेटिंग है दुकानदार से।'
'देश की जनता को देखना पड़ेगा कोई तीसरा विकल्प है या नहीं'
तीसरे मोर्चे की जरूरत पर जोर देते हुए ओवैसी ने कहा, 'मैं न दुकानदार बन सकता हूं और न चौकीदार। मेरे मुकद्दर में लड़ना लिखा है। मगर देश की जनता को ये देखना पड़ेगा कि क्या कोई तीसरा विकल्प आपके सामने है या नहीं? और उस तीसरे ऑप्शन को देखने की बहुत जरूरत है। नूंह में इतना बड़ा विध्वंस हुआ, इन लोगों ने कुछ नहीं बोला, खामोश बैठते हैं। जुनैद-नसीर के मरने के ऊपर राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने 5 लाख और कन्हैया के मर्डर पर 50 लाख की मदद और सरकारी नौकरी...ये जो इन लोगों के डबल स्टैंडर्ड हैं, वो इन्हें एक्सपोज करते हैं।'
0 Comments