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HEALTH: ग्लूटन फ्री है होता है: कुट्टू का आटा पूरी तरह से ग्लूटेन फ्री होता है. जो लोग सिलिएक के पेशेंट हैं या फिर जिनको ग्लूटेन फ्री डाइट पसंद है. उनके लिए कुट्टू को डाइट में शामिल करना बेहतर ऑप्शन हो सकता है. अगर आप कुट्टू का आटा इस्तेमाल नहीं करना चाहें तो कुट्टू के साबुत बीजों को खिचड़ी, तहरी जैसी डिश के जरिये डाइट में शामिल कर सकते हैं.
कुट्टू के पोषक तत्व: कुट्टू कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें फॉसफोरस, कैलोरी, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे न्यूट्रिएंट्स शामिल हैं. जिसकी वजह से कुट्टू को आटा या फिर साबुत बीजों के जरिये डाइट में शामिल करने के कई तरह के फायदे सेहत को होते हैं.
सूजन कम करता है: कुट्टू फ्लेवोनोइड्स रुटिन और क्वेरसेटिन नाम के पदार्थ से लैस होता है. ऐसे में कुट्टू को डाइट का हिस्सा बनाने से बॉडी के ब्लड वेसेल्स मजबूत बनते हैं और आपको सूजन की दिक्कत से छुटकारा मिल सकता है.
पाचन बेहतर बनाता है: कुट्टू लाइट फूड की सूची में शामिल है और इसमें फाइबर की मात्रा भी भरपूर होती है. जिसकी वजह से इसको डाइजेस्ट करना आसान होता है. इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है जिसके कारण आपको गैस, एसिडिटी या कब्ज की दिक्कत नहीं होती है.
शुगर को कंट्रोल करता है: प्रोटीन, फाइबर और फ्लेवोनोइड्स तत्वों से भरपूर कुट्टू शरीर का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में भी अच्छी भूमिका निभाता है. टाइप 2 डायबिटीज पेशेंट के लिए कुट्टू को डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है.
हार्ट प्रॉब्लम दूर रखता है: कुट्टू को डेली डाइट का हिस्सा बनाने से बॉडी का कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड ग्लूकोस लेवल कंट्रोल में रहता है. जिसकी वजह से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है और आपकी दिल की सेहत दुरुस्त बनी रहती है. जिसके चलते आपको हार्ट प्रॉब्लम्स होने का रिस्क कम हो जाता है.
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