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"चंद्रयान 3 की सफलता ने पूरे देश का मान बढ़ाया है", दिल्ली हवाई अड्डे पर बोले पीएम मोदी - Chandrayaan 3

THN Network


नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. पीएम मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद अपने समर्थकों का धन्यवाद दिया और कहा कि ये समय हम सभी के लिए गर्व करने का समय है. बीते दिनों जिस तरह से हमारे वैज्ञानिकों की वजह से भारत एक नया इतिहास रचने में सफल रहा है वो एक बड़ी उपलब्धि है. मुझे इसके लिए पूरी दुनिया की तरफ से शुभकामनाएं संदेश मिले हैं. 
संबोधन के दौरान गिरा व्यक्ति, पीएम ने अपनी टीम के डॉक्टर को दिए निर्देश

पीएम मोदी दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे. उनके संबोधन के दौरान एक व्यक्ति किसी संबोधन स्थल पर गिर गया. पीएम मोदी ने जैसे ही देखा कि एक शख्स सामने गिर गया है, उन्होंने तुरंत अपना संबोधन रोकते हुए अपनी टीम के डॉक्टरों को कहा कि वो जाएं और उस शख्स को देखें. 

बता दें कि पीएम मोदी शनिवार की दोपहर नई दिल्ली पहुंचने से पहले अपनी ग्रीस यात्रा के बाद सीधे बेंगलुरु गए थे. वहां उन्होंने ISRO के वैज्ञानिकों से मुलाकात की थी. ISRO मुख्यालय में पीएम मोदी ने चंद्रयान 3 मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों से भी मुलाकात की थी. 

पीएम मोदी ने ISRO मुख्यालय में वैज्ञानिकों को संबोधित भी किया था. इस दौरान इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक भी हो गए. उन्‍होंने कहा कि आज आपके बीच रहकर काफी खुशी महसूस हो रही है. आज मेरा तन-मन खुशियों से भर गया है. मैं जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था. आप सबको सैल्यूट करना चाहता था. पीएम मोदी ने बताया कि चंद्रयान-3 का मून लैंडर जहां उतरा, उसे 'शिवशक्ति' प्‍वाइंट के नाम से जाना जाएगा. साथ ही उन्‍होंने बताया कि चंद्रयान-2 ने जहां अपने पदचिह्न छोड़े उसे 'तिरंगा' नाम से जाना जाएगा. वहीं, 23 अगस्त को जिस दिन चंद्रयान-3 चंद्रमा पर पहुंचा, उस दिन को अब हिन्दुस्तान 'नेशनल स्पेस-डे' के रूप में मनाएगा.

हमारे मून लैंडर ने अंगद की तरह चंद्रमा पर अपना पैर जमाए

पीएम मोदी ने कहा कि मैं जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था. आप सबको सैल्यूट करना चाहता था. सैल्यूट आपकी लगन को, सैल्यूट आपके जज्बे को. ये नया भारत है जो नए तरीके से सोचता है. 21वीं सदी में यही भारत दुनिया की बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान करेगा. मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वो दिन वो एक एक सेकेंड बार बार घूम रहा है. मैं देश के वैज्ञानिकों को जिनता सैल्यूट करूं कम है, मैं आपकी जितनी सराहना करूं वो कम है. साथियों मैंने वो फोटो देखी, जिसमें हमारे मून लैंडर ने अंगद की तरह चंद्रमा पर अपना पैर जमाया हुआ है. एक तरफ विक्रम का विश्वास है तो दूसरी तरफ प्रज्ञान का प्राक्रम है."

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