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FOREIGN DESK: सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल आरएसएफ के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच सूडान के दारफुर में शनिवार की रात रॉकेट हमले में 16 लोगों की मौत हो गई. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, सेना और अर्धसैनिक बलों के जंग में दोनों तरफ से ही रॉकेट की बारिश की गई. रॉकेट हमले में मारे गए सभी पीड़ित आम नागरिक थे.
अल जजीरा ने स्थानीय वकील संघ के हवाले से बताया कि यह झड़प मुख्य तौर पर न्याला के दक्षिण दारफुर में हुई. झपक के दौरान इलाके में कुछ स्नाइपर शूटर्स ने भी गोलीबारी की, जिससे अफरा-तफरी मच गई. रिपोर्ट के अनुसार, सेना-आरएसएफ के बीच हुए संघर्ष के चलते हजारों की संख्या में लोग पश्चिमी दारफुर छोड़कर भाग रहे हैं. और पड़ोसी चाड की सीमा तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
स्नाइपर से भी हुए हमलें
दारफुर बार एसोसिएशन ने दावा किया कि स्नाइपर हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई. एसोसिएशन इस बात को लेकर चिंतित है कि दारफुर के अन्य क्षेत्र भी जल्द युद्ध की चपेट में आ जाएंगे. ऐसे में मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ हफ्ते पहले, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी थी कि सूडान पूरी तरह से युद्ध की चपेट में आ सकता है, जिससे भारी तबाही हो सकती है. दरअसल, हफ्ते भर पहले सूडानी शहर ओमडुरमैन के एक आवासीय क्षेत्र में हवाई हमले में दर्जनों लोग मारे गए थे.
15 अप्रैल को शुरू हुआ था संघर्ष
गौरतलब है कि बीते 15 अप्रैल को सूडान की राजधानी खार्तूम में सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच युद्ध छिड़ गया था, जो महीने के अंत में दारफुर तक फैल गया, जिसमें पूरे सूडान में लगभग 3,000 लोग मारे गए.
बता दें कि सेडान में देश की सत्ता पर कब्जे के लिए सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच लड़ाई चल रही है. सूडानी सेना के नेता अब्देल फतह अल-बुरहान और अर्धसैनिक आरएसएफ कमांडर मोहम्मद हमदान डागलो अपनी जिद को लेकर देश को युद्ध की झोंक रहे हैं.
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