THN Network
NEW DELHI: एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कांग्रेस-आरजेडी और वाम दल अलग-अलग वजहों से नाराज हैं। इन सबके बीच सीएम नीतीश अलग ही प्लानिंग में लगे हैं। नीतीश कुमार पूर्व विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। इतना ही नहीं अगली बैठक पूर्व पार्षदों के साथ होनी है। रविवार को नीतीश कुमार ने तमाम पूर्व विधायकों के साथ मुलाकात की। इसमें उन्होंने इलाके का हाल जाना और ये समझने की कोशिश की कि आखिर इलाके में जेडीयू की क्या स्थिति है। ये पूरा घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब ऑफर बीजेपी की तरफ से भी भेजा गया हो। नीतीश कुमार के नए दांव से सवाल उठना लाजमी है। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री कब क्या करेंगे उनके बगल वाले भी नहीं जानते। इसलिए बिहार की राजनीति में उनका हर कदम महत्वपूर्ण हो जाता है।
कांग्रेस क्यों है नाराज?
एक तरफ कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार ना होने की वजह से नाराज है। यह नाराजगी कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद ने दर्ज करा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 8 महीने से मंत्रिमंडल विस्तार की बात कह रहे। यह भी कह रहे कि मंत्रिमंडल विस्तार में कोई परेशानी नहीं है। बार-बार यह भी दोहरा रहे कि जब चाहेंगे तब मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। लेकिन जब कोई परेशानी नहीं है तो भी 8 महीने से मंत्रिमंडल के विस्तार का पेंच फंसा क्यों है? ये एक बड़ा सवाल है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक के दौरान ही राहुल गांधी के सामने भी यह बात कही थी। बिहार कांग्रेस चीफ ने कहा था कि उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार में दो मंत्री चाहिए। राहुल गांधी के सामने भी नीतीश कुमार ने इस पर सहमति जताई थी। 23 जून की बैठक के बाद भी डेढ़ महीने का वक्त निकल चुका है।
इधर वामदल भी नाराज!
शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति को खत्म किए जाने और कटिहार में हुए गोलीकांड के बाद महागठबंधन में शामिल लेफ्ट पार्टियां भी नाराज हैं। वामदल इस घटना के बाद सरकार में रहते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कटिहार गोलीकांड को सरकार की विफलता बता रहे। इतना ही नहीं कांग्रेस ने भी मोर्चा खोला हुआ है। कांग्रेस कोटे के मंत्री अफाक आलम ने भी नाराजगी के बीच सुर में सुर मिलाया है। उनका कहना है कि बिजली की मांग को लेकर लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई। जिस पर पुलिस ने सीधी फायरिंग की। जिसमें कई लोगों की जान गई। हालांकि जिला प्रशासन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस की गोली से हुई मौत से इनकार कर रहा है। मगर बिजली की मांग को लेकर कटिहार में लोगों के प्रदर्शन के साथ वामदल खड़ी नजर आ रही है। इस पर कांग्रेस का साथ भी मिलता नजर आ रहा है। ऐसे में यह समझने वाली बात होगी कि कांग्रेस और वामदलों के इस दबाव को नीतीश कुमार कितना झेल पाएंगे।
0 Comments