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'मणिपुर में लोगों की इकलौती मांग न्याय के साथ शांति', दिल्ली लौटने के बाद क्या कुछ बोले INDIA के सांसद?

THN Network



NEW DELHI: मणिपुर का दौरा करने के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) का प्रतिनिधिमंडल रविवार (30 जुलाई) को दिल्ली लौट आया है. विपक्षी सांसदों ने शनिवार को मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा किया था और फिर मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा था. दिल्ली वापस लौटने के बाद आरजेडी सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने कुकी और मैतई समुदायों से राज्य में शांति और सद्भाव बहाल करने में सहयोग करने का आग्रह किया.

मनोज झा ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि मणिपुर में लोगों की इकलौती मांग है कि न्याय के साथ शांति बहाल हो. कहीं भी शांति का कोई विकल्प नहीं है. चाहे मध्य प्रदेश हो या मणिपुर. हम मणिपुर में न्याय चाहते हैं. हमारी एकमात्र मांग है कि दोनों समुदाय सद्भाव से रहें. मणिपुर में स्थिति खौफनाक, दर्दनाक और पीड़ादायक है. संसद में पहले ही चर्चा हो चुकी है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर का दौरा करना चाहिए. 

विपक्षी सांसदों का केंद्र पर हमला

मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं. दिल्ली और देश के बाहर भी बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं. 

"सरकार ने अपनी आंखें बंद ली हैं"

उन्होंने कहा कि लोगों के घरों में खाना और दवाइयां नहीं हैं, बच्चों के पास पढ़ने के लिए कोई सुविधा नहीं है, कॉलेज के छात्र कॉलेज नहीं जा सकते. दो समुदायों के बीच लड़ाई को खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अपनी आंखें बंद ली हैं.  

राज्यपाल को दिया ये सुझाव

वहीं जेडीयू सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि दोनों समुदायों में असुरक्षा की भावना और विश्वास की कमी है, उन्होंने राज्य सरकार पर विश्वास की कमी व्यक्त की. उनका कहना है 3 मई के बाद से घटनाएं हुईं, लेकिन राज्य सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि राज्यपाल से मुलाकात में हमने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक अखिल भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यहां आये. 


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