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‘INDIA’ :पश्चिम बंगाल, UP-बिहार में सीट शेयरिंग मुश्किल, कांग्रेस सबसे ज्यादा नुकसान में

THN Network



NEW DELHI: बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को दो दिन चली विपक्ष की मीटिंग में कुछ हासिल हुआ, तो वो है गठबंधन का नया नाम- INDIA यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस। सबसे बड़ा सवाल बना ही रहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी के सामने कौन होगा? इसे लीड कौन करेगा, अभी तय नहीं है।

INDIA में शामिल 26 पार्टियां अब मुंबई में मिलेंगी। इसी में तय होगा कि विपक्षी गठबंधन का चेहरा कौन होगा। अगली मीटिंग की तारीख भी तय नहीं है। सारी बातें 11 मेंबर की को-ऑर्डिनेशन कमेटी तय करेगी। अलायंस का दिल्ली में अलग ऑफिस भी होगा।मीटिंग खत्म होने के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के CM नीतीश कुमार नहीं थे, लालू-तेजस्वी भी नहीं थे। BJP नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि अलायंस का संयोजक न बनाए जाने से नाराज होकर नीतीश बिहार लौट गए।

हालांकि, नीतीश की पार्टी JD(U) के अध्यक्ष ललन सिंह ने नाराजगी की खबरों को गलत बताया। हालांकि, संकेत मिल गए कि अलायंस में एका बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी। इससे पहले अलायंस का नाम INDIA रखने पर भी नीतीश राजी नहीं थे। उन्होंने कहा भी कि ये देश का नाम है। क्या ये नाम किसी पार्टी को दे सकते हैं?

नए गठबंधन को लीडर के अलावा भी कई चीजों पर सहमति बनानी है, जैसे सीट शेयरिंग, कॉमन कैंडिडेट, विधानसभा चुनावों में आपसी तालमेल और रीजनल पार्टियों की महत्वाकांक्षाएं। फिर प्रधानमंत्री पद के दावेदारों की लिस्ट भी लंबी है। शरद पवार, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल इस रेस में हो सकते हैं। हालांकि, राहुल गांधी INDIA अलायंस को लीड करने से पीछे हट चुके हैं।

सबसे ज्यादा समझौते कांग्रेस के खाते में, कम सीटों पर चुनाव लड़ना होगा
अलायंस के केंद्र में कांग्रेस ही है। सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से छोटे दलों को संभाले रखना उसी की जिम्मेदारी है। कांग्रेस ने बेंगलुरु की बैठक में 25 पार्टियों को बुलाया था। इनमें 17 पहले से उसके साथ हैं। 8 पार्टियां पहली बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ आ रही हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 52 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रही थी। DMK 24 और TMC 23 सीटों के साथ तीसरे और चौथे नंबर पर रहीं। शिवसेना के पास 19 और जदयू के 16 सांसद थे। इनमें से DMK, TMC, जदयू और शिवसेना का एक धड़ा INDIA अलायंस का हिस्सा है। यानी इनके लिए कांग्रेस को अपनी सीटें छोड़नी होंगी। सबसे बड़ा खतरा है कि कांग्रेस रीजनल पार्टियों और नेताओं को अपनी बराबरी पर खड़ा कर देगी।

मई में कांग्रेस ने कर्नाटक में 135 सीटें जीतकर बहुमत से सरकार बनाई थी। तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, ‘कांग्रेस जहां मजबूत है, वहां लड़े। हम उसका समर्थन करेंगे। इसमें कुछ गलत नहीं है, लेकिन उसे भी दूसरे दलों का समर्थन करना होगा।’

कांग्रेस के एक सीनियर लीडर ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी 370 सीटों पर ही कैंडिडेट्स उतारेगी। 173 सीटों पर सहयोगी दलों को समर्थन दे सकती है। ऐसा हुआ तो पिछले 5 लोकसभा चुनाव यानी 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में पहली बार होगा, जब कांग्रेस 400 से कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

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