Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

सत्यनारायण कथा कराने से मिलते हैं कई लाभ

THN Network



DHARMA: भगवान सत्यनारायण की कथा मन में श्रद्धा का भाव उत्पन्न करती है। भगवान सत्यनारायण को भगवान विष्णु का ही रूप माना गया है। सत्यनारायण की पूजा का अर्थ है सत्य की नारायण के रूप में पूजा करना। आमतौर पर किसी मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि पर सत्यनारायण भगवान की पूजा व कथा कराई जाती है।

सत्यनारायण कथा का महत्व
भगवान सत्यनारायण का उल्लेख स्कंद पुराण में मिलता है। स्कन्द पुराण में भगवान विष्णु ने नारद को इस व्रत का महत्व बताया है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सत्य को ईश्वर मानकर, निष्ठा के साथ इस व्रत और कथा का श्रवण करता है उसे मनमुताबिक फल की प्राप्ति होती है। पुराणों में यहां तक कहा गया है कि सत्यनारायण कथा कराने से हजारों वर्ष किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है।  


कब कराई जा सकती है कथा
महीने की एकादशी, बृहस्पतिवार और हर महीने की पूर्णिमा तिथि को विष्णु जी का पूजन करने का विशेष फल प्राप्त होता है। इसलिए इन विशेष दिनों में सत्यनारायण की कथा पढ़ना और सुनना शुभ माना जाता है।

सत्यनारायण व्रत पूजन
सत्यनारायण व्रत के दौरान पूरे दिन उपवास रखना चाहिए।
व्रत के दिन सुबह स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
शुभ मुहूर्त में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके सत्यनारायण भगवान का पूजन करें।
संध्या काल में पंडित को बुलाकर सत्यनारायण की कथा श्रवण करनी चाहिए।
चौकी पर कलश रखकर भगवान विष्णु की मूर्तियां सत्यनारायण की फोटो रखकर पूजन करना चाहिए।
भगवान को भोग में चरणामृत, पान, तिल, रोली, कुमकुम, फल, फूल, सुपारी और दुर्गा आदि अर्पित करें।
सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने के लिए परिवार के साथ- साथ अन्य भक्तों को भी शामिल करें।
अंत में सभी लोगों में कथा का प्रसाद बांटे।

Post a Comment

0 Comments