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MANIPUR: मणिपुर ढाई महीने से हिंसा की आग में झुलस रहा है। इसी बीच राज्य के BJP विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने कहा कि हिंसा में राज्य सरकार भी शामिल है।
सरकार की मिलीभगत की वजह से हिंसा पर ढाई महीने बाद भी काबू नहीं पाया जा सका। इंडिया टुडे में लिखे एक आर्टिकल में उन्होंने यह बात कही है।
पाओलीनलाल उन 10 विधायकों में से हैं जिन्होंने मई में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर राज्य में कुकी-बहुल जिलों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की थी।
मणिपुर से महिलाओं का वीडियो सामने आने के बाद से पड़ोसी राज्य मिजोरम में भी खतरा मंडरा रहा है। अब तक मैतेई समुदाय के 568 लोग मिजोरम छोड़कर मणिपुर आ गए हैं।
उधर, बिष्णुपुर और चुराचांदपुर के बीच थोरबुंग इलाके में पिछले 36 घंटे फायरिंग हुई। शनिवार को थोरबुंग के स्कूल को कुछ लोगों ने आग के हवाले कर दिया था।
इसके बाद रविवार (23 जुलाई) को 50-60 लोगों का झुंड CRPF बंकर्स के सामने मेन रोड पर अचानक आ गया। सड़क पर खुलेआम फायरिंग हो रही थी, भीड़ को कोई खौफ नहीं था। भीड़ में ज्यादातर पुरुष थे, कंधों पर राइफल टंगी थीं और हाथ में खांग (तलवार जैसा हथियार) थी। इस क्रॉस फायरिंग के बीच सुरक्षाबलों ने भास्कर रिपोर्टर को अपने बंकर में छिपाकर बचाया।
CRPF के जवान बताते हैं कि हर तीसरे-चौथे दिन यही हालात होते हैं। कभी कुकी मैतेई पर हमला करता है, तो कभी मैतेई बस्ती जला देते हैं।
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