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FOREIGN DESK: रूस में वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने व्लादिमीर पुतिन की अगुवाई वाली रूसी सत्ता के तख्तापलट की कोशिश की, जिससे पूरे रूस में तहलका मच गया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वैगनर आर्मी ने पीठ में छुरा भोंका है. लेकिन हम अपने विरोधियों से अपने देश और देशवासियों की रक्षा करेंगे. विद्रोहियों से सख्ती से निपटा जाएगा. उधर, वैगनर ग्रुप के विद्रोह पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की का बयान आया है. ज़ेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि रूस की तानाशाही सरकार खतरे में पड़ गई है. भाड़े के सैनिकों के विद्रोह से पुतिन अब बेहद डरे हुए हैं.यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का बयान उनके ऑफिशियल ट्विटर हैंडिल पर पोस्ट किया गया. बयान में उन्होंने कहा कि वैगनर ग्रुप द्वारा किए गए विद्रोह के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद जिम्मेदार हैं, उन्होंने कहा कि "पुतिन ने यह खतरा पहले खुद पैदा किया. और, अब वो बहुत डरे हुए हैं."
'पुतिन किसी भी तरह के आतंक का सहारा ले सकते हैं'
ज़ेलेंस्की ने अपने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, 'हम सभी को याद है कि कैसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 2021 में दुनिया को धमकी दी थी. उनके पास कुछ अल्टीमेटम थे, वह एक तरह से धौंस दिखा रहे थे. साल 2022 ने दिखा दिया कि उन्होंने अपने देशवासियों को भ्रमित किया और हमारे बारे में बोले गए झूठ से उन्हें ताकत मिली. क्रेमलिन में रहकर, वे किसी भी तरह आतंक का सहारा ले सकते हैं, कोई भी मूर्खताभरा फैसला लेने में सक्षम हैं, लेकिन वे एक फीसदी भी नियंत्रण नहीं कर सकते हैं. और, मूल समस्या वे ही हैं.
पुतिन के आदेश पर किए गए हमले में एक दिन में, हमने शहरों में अपने लाखों लोगों को खो दिया और ये सब तब हुआ, जब रूसी डाकुओं, भाड़े के सैनिकों ने भारी हथियारों के साथ यूक्रेन की धरती पर आतंक मचाया. अब क्योंकि रूस में उनके ही भाड़े के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया है तो दुनिया देख रही है.
ज़ेलेंस्की ने पुतिन को निशाने पर लेते हुए कहा, "क्रेमलिन का वो शख्स अब स्पष्ट रूप से बहुत डरा हुआ है और शायद कहीं छिपा हुआ है." ज़ेलेंस्की ने कहा कि "उस (पुतिन) ने यह खतरा खुद पैदा किया है."
'कोई भी रूसी अराजकता से डरकर चुप न रहे'
ज़ेलेंस्की ने कहा, 'अब ये बहुत ज़रूरी है कि दुनिया में कोई भी रूसी अराजकता से डरकर चुप न रहे. अब वैश्विक नेताओं के लिए गए कुछ फैसले ऐतिहासिक हो सकते हैं. पत्रकारों का हर शब्द सोने के बराबर है. यूक्रेन संकट के लिए जिम्मेदार (पुतिन) का खुले तौर पर नाम लेना जरूरी हो गया है. और अगर दुनिया में कोई इस स्थिति को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है, अगर दुनिया इस भ्रम में है कि क्रेमलिन नियंत्रण हासिल करने में सक्षम है...तो यह समस्या को और भी खतरनाक बना देगा.'
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