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श्रीनगर के सरकारी स्कूल में अबाया पर विवाद

THN Network



Jammu kashmir- एक स्थानीय स्कूल के ‘अबाया’ पहनने वाली लड़कियों को प्रवेश देने से इनकार किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुद्दे पर जहां सियासत शुरू हो गई है वहीं आतंकी संगठन ने स्कूल प्रशासन को धमकी दी है। कश्मीर में विभिन्न वर्गों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। मामला श्रीनगर में विश्व भारती उच्च माध्यमिक स्कूल का है। आतंकी धमकी के बाद स्कूल प्रबंधन ने माफी मांगी है। इधर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया। अबाया पूरी लंबाई वाला ढीला-ढाला एक पोशाक है जिसे मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं। प्रदर्शनकारी छात्राओं में से एक ने कहा कि हमें कहा गया कि अगर हम अबाया पहनना चाहते हैं तो हमें मदरसा जाना चाहिए। हमें स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
लड़कियों ने आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि अगर वे अबाया पहनना चाहती हैं तो उन्हें मदरसा (इस्लामिक मदरसा) में जाना चाहिए। इस आरोप का प्रिंसिपल ने खंडन किया है। मामला तूल पकड़ा। आतंकी धमकी मिली और प्रिंसिपल ने माफी मांगी लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आतंकियों ने प्रिंसिपल को दक्षिणपंथी कहते हुई निशाना बनाने की धमकी दी है।


प्रिंसिपल पर छात्राओं ने लगाए आरोप
छात्रों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें कहा कि वे अबाया पहनकर स्कूल के माहौल को खराब कर रही हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य मेमरोज शफी ने कहा कि छात्राओं को कहा गया है कि वे घर से स्कूल तक अबाया पहन सकती हैं लेकिन स्कूल परिसर में उन्हें इसे उतारना होगा। उन्होंने कहा, हमने उन्हें लंबा सफेद रंग का हिजाब पहनने या बड़ा दुपट्टा रखने के लिए कहा क्योंकि यह स्कूल की वर्दी का हिस्सा है। वे अलग अलग डिजाइन वाले रंगीन अबाया पहनकर आ गईं जो स्कूल की वर्दी का हिस्सा नहीं है।

'ड्रेस कोड का पालन करने का आदेश'
प्रधानाचार्य ने कहा कि स्कूल का अनुशासन बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों को समुचित ‘ड्रेस कोड’ का पालन करना चाहिए। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर में इस तरह की घटनाएं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

सादिक ने ट्वीट किया कि हिजाब पहनना निजी चयन हो सकता है और धार्मिक परिधान के मामले में दखल नहीं देना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। एनसी के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी स्कूल के निर्देश का विरोध करती है और प्रशासन से तत्काल उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करती है।

महबूबा मुफ्ती ने साधा निशाना
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। मुफ्ती ने कहा, गांधी के भारत को गोडसे के भारत में बदलने की भाजपा की साजिशों के लिए जम्मू-कश्मीर एक प्रयोगशाला बन गया है। सारे प्रयोग यहीं से शुरू होते हैं। यह कर्नाटक में शुरू हुआ और कश्मीर तक पहुंच गया। यह हमें मंजूर नहीं है। इस पर गंभीर प्रतिक्रिया होगी क्योंकि कपड़े पहनना निजी पसंद है। कोई बाध्यता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध का आदेश धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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