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BUSINESS: दाल एक ऐसी चीज है जो हर भारतीय किचन में रोज पकाई जाती है. लेकिन इसकी बढ़ती कीमत देख कर लग रहा है कि आने वाले दिनों में ये रसोईं से गायब हो जाएगा. दरअसल, अप्रैल तक तो सरकार ने इसकी बढ़ती कीमतों पर लगाम लगा रखी थी, लेकिन अब मई से पीली दाल के दाम बढ़ने लग गए हैं. कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के नए आंकड़ों को देख कर सबके होश उड़ गए हैं और अगर ऐसे ही ये आंकड़े बढ़ते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब खाने की थाली से दाल गायब हो जाएंगे.
कितने बढ़े दाम
कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के आंकड़े बताते हैं कि एक मई तक तुअर के दाल की औसत कीमत 116.68 रुपये थी, लेकिन 18 मई आते आते ये बढ़कर 118.98 रुपये हो गई. अब सवाल उठता है कि अभी तो मई का पूरा महीना बीता भी नहीं है तो क्या मई के अंत तक ये 120 का आंकड़ा पार कर जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो लोअर मिडिल क्लास सबसे ज्यादा सफर करेगी, क्योंकि उनके महीने का खर्च तय होता है और महंगाई की वजह से उनका बजट बिगड़ जाएगा.
और किन किन दालों के बढ़े दाम
कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, मई में सिर्फ तुअर दाल की कीमतों में ही इजाफा नहीं हुआ, बल्कि मूंग दाल, उड़द दाल, चने की दाल की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. मूंग दाल की बात करें तो एक मई से 18 मई के बीच ये 107.29 रुपये से 108.41 रुपये हो गई है. वहीं उड़द की दाल भी 108.23 रुपये से बढ़कर 109.44 रुपये हो गई है. जबकि, चने की दाल की बात करें तो ये 73.71 रुपये से बढ़कर 74.23 रुपये हो गई है.
सरकार क्या कर रही है?
दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार भी चिंतित है. यही वजह है कि दालों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर दी है और उसके अनुसार, कोई भी एक महीने से ज्यादा समय तक दालों को स्टॉक करके नहीं रख सकता. अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. इंपोर्ट के लिए भी सरकार की ओर सख्त एडवाइजरी जारी की गई है. दरअसल, भारत में 70 प्रतिशत तुअर की दाल इंपोर्ट की जाती है.
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