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NEW DELHI: दिल्ली नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का दोबारा चुनाव कराने के मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी और मेयर शैली ओबेरॉय को बड़ा झटका लगा है. ऐसा इसलिए कि दिल्ली हाईकोर्ट ने मेयर शैली ओबेरॉय के दोबारा कमेटी के सदस्यों का चुनाव कराने के फैसले को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के आदेश पर अमल हुआ तो एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष पद के चुनाव में आप के लिए अपने प्रत्याशी को जितना लगभग मुमकिन नहीं होगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मसले पर अपना फैसला सुनाते हुए मंगलवार को कहा कि स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर के बैलेट को रद्द करने का फैसला कानूनन सही नहीं है. इस बात को ध्यान में रखते हुए अदालत ने मेयर शैली ओबेरॉय को निर्देश दिया है कि 24 फरवरी 2023 को हुए चुनावों में जो नतीजे आए थे, वही घोषित किए जाएं. हाईकोर्ट ने मेयर शैली ओबेरॉय ये यह भी कहा कि जिस बैलेट को रद्द किया गया था, उसकी भी काउंटिंग की जाए.
AAP के 4 प्रत्याशियों का जीतना जरूरी क्यों?
इस लिहाज से स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों में तीन पर आप और तीन बीजेपी के प्रत्याशी विजेता घोषित किए जाएंगे. जबकि स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के लिए आप के चार प्रत्याशियों का बतौर कमेटी का सदस्य चुना जाना जरूरी है. चार प्रत्याशी न जीतने की स्थिति में एमसीडी का मेयर होने के बावजूद वो बहुत कुछ अपने मन मुताबिक कराने की स्थिति में नहीं होगी. यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं. 12 निगम के अलग-अलग जोन से चुनकर आते हैं और छह सदस्यों का चुनाव निगम पार्षद करते हैं. यानी आप और बीजेपी में जिसके पक्ष में 10 सदस्य होंगे, स्टैंडिंग कमेटी में उन्हीं चेयरमैन चुना तय है.
कमेटी के अध्यक्ष का पद इसलिए है अहम
यहां पर आप के सामने मुसीबत यह है कि वो निगम के 12 जोन में से सिर्फ में पांच में ही प्रत्याशी जितवाने की स्थिति में है. दूसरी तरफ बीजेपी 7 प्रत्याशियों को जितवाने की स्थिति में है. यही वजह है कि स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव परिणाम आप और बीजेपी के पक्ष में 3-3 का आने पर बीजेपी का पलड़ा भारी हो जाएगा. स्टैंडिंग कमेटी में जिसका बहुमत होगा उसी का चेयरमैन चुना जाएगा. आप का चेयरमैन न बनने की स्थिति में एमसीडी भी एलजी बनाम सीएम की तरह सियासी जंग का अखाड़ा बन जाएगा. एमसीडी में दो पावर सेंटर हो जाएंगे. एक मेयर और दूसरा स्टैंडिंग कमेटी. यानी मेयर होते हुए भी चुनावी घोषणाओं पर अमल करा पाना आम आदमी पार्टी के लिए बहुत मुश्किल होगा.
स्टैंडिंग कमेटी अहम क्यों?
बता दें कि बीजेपी और आप इस प्रयास में है कि उनके अधिक से अधिक सदस्य स्टैंडिंग कमेटी में जीतें. इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी की अहमियत सबसे ज्यादा है. स्टैंडिंग कमेटी एमसीडी के लिए वित्त मंत्रालय की तरह है. स्टैंडिंग कमेटी ही विकास से संबंधित अहम परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर मेयर के पास सदन में रखने के लिए भेजती है.
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