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HEALTH DESK: भारत के गांव-देहात में बड़े-बुजुर्गों को हुक्का पीते हुए सभी ने देखा होगा। मगर अब फ्लेवर्ड हुक्का (Flavoured Hukkah Side Effects) ने शहरों में खासतौर से मजबूत पकड़ बना ली है और इसका सेवन युवा बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। कैफे, बार के अलावा अब शादी-पार्टी में भी ये देखने को मिल जाता है। फ्लेवर्ड हुक्का पीने के साथ एक बात को बेफिक्री से बताया जाता है कि यह सेहत को गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाता है। जिसकी वजह से बच्चों में भी इसका सेवन बढ़ रहा है। मगर सच्चाई ये है कि हुक्का पीने से शरीर के फेफड़े खराब हो सकते हैं, यहां तक कि कैंसर भी बन सकता है। आइए जानते हैं कि हुक्का पीने के नुकसान के बारे में हैदराबाद के नामपल्ली स्थित केयर हॉस्पिटल के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी Dr. Vivek Toshniwal क्या कहते हैं?फ्लेवर्ड हुक्का को वॉटर पाइप या शीशा (Sheesha Disadvantages) के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें तंबाकू और अन्य तत्वों को हीट करने के लिए चारकोल का इस्तेमाल किया जाता है। इससे धुआं बनता है, जिसे माउथपीस से जुड़ी लंबी नली से इनहेल किया जाता है।हुक्का स्मोकिंग से जुड़े गंभीर जोखिमों में लंग डैमेज प्रमुख है। हुक्का के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड का हाई लेवल, भारी धातु और अन्य विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो फेफड़ों की नसों को नुकसान पहुंचाते हैं। हुक्का के नियमित उपयोग से फेफड़ों का कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।
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