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"भारत के संविधान और संप्रुभता को.... ": अकबर लोन के 'पाक समर्थित भाषण' पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त - Supreme court News

THN Network


नई दिल्‍ली: सीजेआई ने कहा कि जब वह इस अदालत के अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हैं. हम उनसे यह जानना चाहते हैं कि उनका मानना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. क्या वह भारत की संप्रभुता को स्वीकार करते हैं? इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो हलफनामा मांगे. सीजेआई ने कहा कि हम इस धारणा पर आगे बढ़ रहे हैं कि वह एक हलफनामा दाखिल करेंगे कि उनका मानना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा, "मैं उनके या उन्होंने जो कहा उसके पक्ष में नहीं खड़ा हूं." सीजेआई ने कहा कि क्या हम यह मानते हैं कि लोन बिना शर्त भारत की संप्रभुता स्वीकार करते हैं और मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर  भारत का अभिन्न अंग है?

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन को सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी चाहिए. उन्हें भारतीय संविधान के प्रति अपनी अटूट निष्ठा बताते हुए एक हलफनामा दायर करना चाहिए. उन्हें जम्मू-कश्मीर में पाक प्रायोजित अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों की निंदा करनी चाहिए. वह संसद के सदस्य हैं और उन्हें जिम्मेदारी से काम करना चाहिए. 

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जब आप बहस करते हैं, तो आप भारत की संप्रभुता को स्वीकार करते हैं. आप स्वीकार करते हैं कि जम्मू-कश्मीर अभिन्न अंग है. जब आपका मुवक्किल इस अदालत के बाहर कुछ कहता है, तो शायद तब वह यह भी स्वीकार कर रहा होता है कि निपटाने के लिए एक मुद्दा है. 

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