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नई संसद को जयराम रमेश ने बताया 'मोदी मल्टीप्लेक्स', बीजेपी आगबबूला, कहा- फिर दिखी कांग्रेस की खराब मानसिकता

THN Network



NEW DELHI: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने शनिवार को नए संसद भवन को 'मोदी मल्टीप्लेक्स' करार दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि 2024 में जब सत्ता बदलेगी, तो संसद भवन की नई इमारत का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा. कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के निम्नतम स्तर के मुकाबले भी ये बेहद ही खराब मानसिकता को दिखाता है. उन्होंने इसे भारतीयों का अपमान करार दिया. 

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'कांग्रेस पार्टी के निम्नतम स्टैंडर्ड के हिसाब से भी ये दयनीय या कहें खराब मानसिकता है. ये 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है. ये पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस संसद-विरोधी हुई है. उन्होंने 1975 में भी ऐसा करने की कोशिश की और इसमें वह बुरी तरह फेल हो गए.' नड्डा के अलावा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी जयराम के इस बयान पर नाराजगी जताई. 

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मेरी मांग है कि पूरे भारत में 'राजवंशों के गढ़ों' का मूल्यांकन करने की जरूरत है. शुरुआत 1, सफरदजंग रोड कॉम्पलैक्स को तुरंत भारत सरकार को सौंपने के साथ होनी चाहिए. ऐसा इस बात को ध्यान में रखते हुए होना चाहिए सभी प्रधानमंत्रियों को अब पीएम संग्रहाल में जगह दी गई है. दरअसल, 1, सफदरजंग रोड पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निवास स्थान है, जहां पर वर्तमान में 'इंदिरा गांधी मेमोरियल म्यूजियम' मौजूद है. 

जयराम रमेश ने क्या कहा? 

इतने प्रचार के साथ लॉन्च किया गया नया संसद भवन वास्तव में पीएम के उद्देश्यों को अच्छी तरह से साकार करता है. इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए. चार दिनों के भीतर ही मैंने दोनों सदनों के भीतर बातचीत को खत्म होते हुए देखा है. अगर वास्तुकला सचमुच लोकतंत्र को मार सकती है, तो संविधान को दोबारा लिखे बिना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा करने में सफल हुए हैं. 

उन्होंने कहा कि यहां एक दूसरे को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि हॉल बिल्कुल भी कॉम्पैक्ट नहीं है. पुराने संसद भवन का एक गौरव था. दोनों सदनों, सेंट्रल हॉल और गलियारों के बीच चलना आसान था. उन्होंने आगे कहा कि शायद 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद नए संसद भवन का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा. 

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