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HEALTH DESK: अगर आप चाव से चिकन खाते हैं तो सावधान हो जाइए...WHO ने आगाह कर दिया है कि यह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी बीमारी का कारण है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने AMR को 10 सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में एक बताया है. कहा है कि चिकन खाने की वजह से लोग तेजी से एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (Antimicrobial Resistance) का शिकार हो रहे हैं. इसकी वजह से एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीपैरासिटिक्स दवाओं का असर काफी कम हो जाता है. इससे गंभीर बीमारी में इलाज काफी मुश्किल हो जाता है. आइए जानते हैं पौष्टिक चिकन बीमारी का कारण क्यों बन रहा है...
पौष्टिक चिकन बीमारी का कारण क्यों
सबसे बड़ा सवाल कि जिस चिकन में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, वह बीमारी का कारण क्यों बन रहा है. दरअसल, आजकल पोल्ट्री फार्म में चिकन को अच्छा और सेहतमंद बनाने के लिए ज्यादा एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं. जिससे चिकन की बॉडी में अच्छी मात्रा में एंटीबायोटिक जमा हो जाती है और जब यह बिकता है तो इसका असर इसे खाने वालों में होने लगता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, जब चिकन शरीर में जाता है तब कई एंटीबायोटिक को शरीर में ट्रांसफर कर देता है. जिससे शरीर में समय के साथ एंटीबायोटिक को लेकर रेजिस्टेंस पैदा होने लगती है और एंटीबायोटिक दवाएं शरीर पर काम करना बंद कर देती हैं.
चिकन खाने के बाद बीमारी का इलाज मुश्किल
डॉक्टर के मुताबिक, एएमआर यानी एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (Antimicrobial resistance) चिकन खाने से होता है. इससे शरीर में आने वाले एंटीबायोटिक कुछ समय के बाद एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस की स्थिति में लाते हैं. जिससे शरीर में तरह-तरह के इंफेक्शन होने लगते हैं. इससे इलाज काफी मुश्किल हो सकता है. WHO ने एएमआर को दुनिया के 10 सबसे बड़ी बीमारियों में से एक माना है.
चिकन खाना खतरे की घंटी
चिकन सबसे बड़ी बीमारी में से एक का कारण बन रहा है.
चिकन से शरीर में एंटीबायोटिक ट्रांसफर हो रहे हैं.
चिकन से मिल रहे एंटीबायोटिक से एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस का खतरा.
एएमआर का शिकार होने पर एंटीबायोटिक दवाईयां काम नहीं करती हैं.
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